जयपुर— बीते दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सवाई माधोपुर, दौसा एवं टोंक सहित विभिन्न जिलों के दौरे पर रहे। इस दौरान सीएमय भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान बरसों से पानी की कमी से जूझता आ रहा है। इसलिए प्रदेशवासी इसके महत्व से भली-भांति परिचित हैं। ऐसी स्थिति में पूर्वी राजस्थान की प्यास बुझाने वाली संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना (एकीकृत ईआरसीपी) प्रदेश को पानी के मामले में समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। शर्मा ने रविवार को पूर्वी राजस्थान दौरे के दूसरे दिन सवाई माधोपुर, दौसा एवं टोंक सहित विभिन्न जिलों में आयोजित आभार एवं स्वागत सभाओं को संबोधित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री का विभिन्न स्थानों पर भव्य अभिनन्दन किया गया। लोगों ने मुख्यमंत्री पर फूल बरसा कर और मालाएं पहनाकर भारी उत्साह के साथ उनका स्वागत किया। इस अवसर पर शर्मा ने कहा कि प्रदेश को पानी के मामले में समृद्ध बनाने के लिए हमारी पूर्ववर्ती सरकार ने ईआरसीपी की शुरूआत की थी। लेकिन पिछली सरकार ने राजनीति करते हुए पूर्वी राजस्थान के लिए बेहद महत्वपूर्ण इस परियोजना को अटकाने और भटकाने का कार्य किया। हमने माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से ऐतिहासिक त्रिपक्षीय एमओयू पर इसे शीघ्र धरातल पर लाने का कार्य प्रारम्भ कर दिया है। इसका बजट भी 37 हजार करोड़ रूपये से बढ़ाकर 45 हजार करोड़ कर दिया गया है।
शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार मजदूर, युवा, महिला और किसानों की सरकार है। हमने मात्र दो महीने के कार्यकाल में ही संकल्प पत्र के वादों को पूरा करना प्रारम्भ कर दिया है। राज्य सरकार 70 हजार सरकारी पदों पर भर्ती कर युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाएगी। साथ ही उनके कौशल में वृद्धि कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक कर युवाओं के भविष्य पर कुठाराघात किया गया। युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को कड़ी सजा दिलाने के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। यदि आवश्यकता हुई तो ऐसे मामलों की सीबीआई से भी जांच करवाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में माफियों और बदमाशों ने राजस्थान को अपनी शरणस्थली बना रखा था।