जयपुर- कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने मंगलवार को विधानसभा में बताया कि बेरोजगारों को भत्ता देने के लिए सबसे पहले वर्ष 2007 में अक्षत योजना के नाम से प्रारंभ की गयी थी। इसके बाद वर्ष 2009 में इसमें कौशल जोड़कर इसका नामकरण अक्षत कौशल योजना कर दिया गया। वर्ष 2012 और 2019 में बेरोजगारों को भत्ता देने की इस योजना के नाम बदले गए और इसमें समयानुसार भत्ता राशि बढ़ाई गई। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री युवा संबल योजना में एक समय में अधिकतम दो लाख पात्र युवाओं को लाभ देने का प्रावधान है। वर्तमान में इस योजना में एक लाख 86 हजार 656 पात्र युवाओं को लाभ दिया जा रहा है। इस सीमा में शेष पात्रों को लाभ दिए जाने का कार्य प्रक्रियाधीन है। कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता मंत्री प्रश्नकाल के दौरान इस सम्बन्ध में सदस्य द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2007 से अब तक 6 लाख 38 हजार 621 पात्रों को लाभ दिया जा चुका है। राठौड़ ने सदन को अवगत कराया कि विभाग द्वारा प्राप्त आवेदनों पर एक माह में सत्यापन एवं जाँच कर पात्र आवेदकों को लाभ देने की कार्यवाही की जाती है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में चित्तौड़गढ़ क्षेत्र में कोई आवेदन प्रक्रियाधीन नहीं है।
इससे पहले विधायक चन्द्रभान सिंह चौहान के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिये जाने हेतु मुख्यमंत्री युवा संबल योजना लागू है। इस योजना में वर्तमान में एक लाख 86 हजार 656 आशार्थियों को भत्ता दिया जा रहा है। जिसमें पुरूष आशार्थी को 4000 रूपये एवं महिला, दिव्यांगजन तथा ट्रांसजेण्डर आशार्थियों को 4500 रूपये प्रतिमाह भत्ता दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि चित्तौड़गढ़ क्षेत्र में विगत 3 साल मे इस योजना के अन्तर्गत कुल 3 हजार 106 आवेदन प्राप्त हुये हैं, जिनमें से एक हजार 470 आशार्थियों को भत्ता दिया गया है। उन्होंने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बेरोजगारी भत्ता 3500 रुपये प्रतिमाह तक करने की घोषणा की गई थी एवं वर्तमान मे योजनान्तर्गत पात्र पुरूष आशार्थी को 4000 रूपये महिला, दिव्यांगजन व ट्रांसजेण्डर आशार्थी को 4500 रूपये प्रतिमाह नियमित रूप से बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि योजना में विभागीय पोर्टल पर विधानसभा वार डाटा संधारण नहीं किया जाता है।