जयपुर— राजस्थान की क्रिकेट मे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के युग का बतौर अध्यक्ष अंत हुआ। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के नए कार्यकारी अध्यक्ष की कमान चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के पुत्र धनंजय सिंह खींवसर को सौंपी गई है। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन पर ताले लगने के बाद आरसीए में उठा पटक शुरू हो गई थी। जिसके बाद शनिवार को केएल सैनी क्रिकेट स्टेडियम में बैठक का आयोजन किया गया जहां सभी जिलों के पदाधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में सर्वसम्मति के साथ धनंजय सिंह खींवसर को कार्यवाहक अध्यक्ष चुना गया है। धनंजय सिंह खींवसर नागौर जिला क्रिकेट संघ से वर्तमान में अध्यक्ष है। हालांकि पिछले कुछ सालों से आरसीए सत्ता के साथ चलने लगी है। जहां पहले आरसीए का अध्यक्ष सीएम का बेटा था तो वहीं अब इस बदलाव के बाद आरसीए मंत्री पुत्र क्रिकेट संघ जैसा नजर आ रहा है।
राजस्थान क्रिकेट संघ ने आज जयपुर में एजीएम बैठक बुलाई। जिसमें पदाधिकारियों ने कार्यवाहक अध्यक्ष राजस्थान के कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के बेटे धनंजय सिंह खींवसर को चुना। कुछ दिन के अंदर आरसीए चुनाव करवाकर स्थायी तौर पर धनंजय को अपना अध्यक्ष चुन लेंगे। लेकिन सवाल है कि आखिर क्रिकेट में राजनैतिक चेहरे क्यों। इससे पहले राजस्थान में कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत ने पूरी ताकत लगाकर अपने बेटे वैभव को आरसीए अध्यक्ष बनाया था।बेशक धनंजय के पिता और वो खुद एक खिलाडी रहे है इसमें कोई शक नहीं।लेकिन खेल में एक बार फिर राजनैतिक परिवार की एंट्री खेल के लिए कितनी बेहतर होगी ये आने वाला वक़्त तय करेगा। धनंजय सिंह खींवसर नागौर जिला क्रिकेट संघ से अध्यक्ष है जिसके आधार पर उन्हें आरसीए का कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया है। अध्यक्ष बनने के बाद वो खुद खेल से राजनीति को दूर रखने की बात कह रहे है और पूर्व अध्यक्ष वैभव गहलोत के अच्छे सुझावों के लिए तैयार है।