जयपुर- पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने शुक्रवार को सरस संकुल मुख्यालय में राज्य भर की सहकारी डेयरियों के निर्वाचित अध्यक्षों के साथ आयोजित परिचर्चा में डेयरी अधिकारियों और निर्वाचित अध्यक्षों को से चर्चा की। इस मौके पर मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि राजस्थान राज्य की सहकारी डेयरियों में उत्पादित सरस दूध की गुणवत्ता ही इसकी पहचान है और इससे कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नव गठित सरकार की पहली प्राथमिकता राज्य भर की सहकारी डेयरियों से जुड़े दुग्ध उत्पादकों का सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान है और इसके लिए नई कल्याणकारी योजनाएं अमल में लाई जाएंगी। ग्रास रूट लेवल तक दुग्ध उत्पादकों को सहकारी डेयरियों से जोड़ने के प्रयास किए जाएंगे और अधिक से अधिक संख्या में नई प्राथमिक दंग्ध उत्पादक सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरस ब्रांड को न केवल राजस्थान बल्कि पड़ोसी राज्यों में भी लोकप्रिय बनाने के लिए संयुक्त प्रयास किए जाने चाहिए।
इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि दूध और सरस ब्रांड के पशु आहार में किसी तरह की कोई मिलावट बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए एक राज्यस्तरीय टास्क फोर्स का गठन कर मिलावटखोरी को रोकने के लिए एक अभियान चलाया जाना चाहिए। प्रदेश में दुग्ध उत्पादकों की समाजिक सुरक्षा अैर उने हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी तथा वर्तमान में चल रही सुरक्षा योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा। कुमावत ने कहा कि जिला दुग्ध संघों के निर्वाचित पदाधिकारीगण तथा डेयरी अधिकारियों में बेहतर समन्वय स्थापित किए जाने के प्रयास होने चाहिए ताकि इसका लाभ आम दंग्ध उत्पादकों को मिल सके। उन्होंने आसीडीएफ सहित सभी जिला दंग्ध संघों में मानव संसाधनों की कमी पर चिन्ता व्यक्त करते हुए राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत 656 पदों पर तुरंत भर्ती किए जाने पर जोर दिया और शेष पदों के लिए एनडीडीबी की विशषज्ञ सेवाएं लेने के निर्देश प्रदान किए। परिचर्चा के दौरान प्रदेशभर से आए जिला दुग्ध संघों से आए जिला दुग्ध संघों के निर्वाचित अध्यक्षों ने राज्य में डेयरी विकास के लिए अपने सुझाव प्रस्तुत किए।