जयपुर— जयपुर शहर के सांसद रामचरण बोहरा ने अजमेर स्थिति ढाई दिन के झोपड़ें को इस्लामिक आतंक की दास्तां बताया है और इसे लेकर एक पत्र भी केंद्र सरकार को लिखा है। जिसके बाद भाजपा और कांग्रेस में जुबानी जंग शुरू हो चुकी है। कांग्रेस के पूर्व मंत्री प्रताप सिंह ने रामचरण बोहरा के बयान पर पलटवार किया है और कहा है कि ऐसे बयान देने वाले सांसदों को कोई नहीं जानता खुद बीजेपी वाले भी इन्हें नहीं पूछ रहे है। दरअसल राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह की चर्चा के बीच बीजेपी के सांसद रामचरण बोहरा ने नई बहस छेड़ दी है। रामचरण बोहरा का कहना है कि अजमेर स्थित ढाई दिन का झोंपड़ा संस्कृत विद्यालय को तोड़कर बनाया गया था। उन्होंने यह बयान राजस्थान यूनिवर्सिटी के स्थापना दिवस समारोह में दिया।
इस बयान के बाद सांसद रामचरण बोहरा ने केंद्र को पत्र भी लिखा है और कहा है कि ढाई दिन का झोपड़ा इस्लामिक आतंक की दास्तां का प्रतीक है बोहरा ने यह पत्र केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन मंत्री किशन रेड्डी को लिखा है। उन्होंने कहा कि ढाई दिन का झोपडा 12वीं सदी में महाराज विग्रहराज चौहान द्वारा देवालय और संस्कृत शिक्षण केन्द्र के रूप मे स्थापित किया गया था और उसे 1294 ई. में मोहम्मद गौरी के कहने पर कुतुबुद्दीन ऐबक ने तोड़ दिया था। यह केन्द्र वेद पुराणों का प्रसारक होने के साथ ही संस्कृत शिक्षा का महत्वपूर्ण केन्द्र था। ऐसे में इसे मूल स्वरूप मे परिवर्तित किया जाए।
वहीं जयपुर सांसद रामचरण बोहरा के विवादित बयान पर कांग्रेस के पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि ऐसे बयान देने वाले सांसदों को कोई नहीं जानता। खुद बीजेपी वाले भी इन नेताओं को नहीं पूछ रहे। खाचरियावास ने कहा कि भाजपा शहरों के नाम बदलने का काम कर रही है, इनमें दम है तो लाल किला तोड़कर दिखाएं दिखाए। बीजेपी वाले बडी—बड़ी डीँग हांकते है और चुनाव आने पर ऐसे बयान देते है। उन्होंने कहा कि देश में प्रधानमंत्री लाल किले से झंडा फहराते है तो ऐसे में क्या लाल किला भी तोड देंगे।