जयपुर— रोडवेज में कार्यरत भारतीय मजदूर संघ से संबंधित श्रम संगठन राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी फैडरेशन की प्रदेश पदाधिकारी एवम प्रदेश कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक पुष्कर में संपन्न हुई। इस मौके पर संगठन से जुडे विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा की गई। बैठक में रोडवेज एवं रोडवेज के सेवारत तथा सेवानिवृत कर्मचारी संबंधी समस्याओं पर गहन विचार किया गया। मंचासीन पदाधिकारीयों द्वारा बैठक में उपस्थित सभी को संबोधित करते हुए कहा गया कि सरकार बदलने के बाद अति उत्साह में न रहे। रोडवेज की बिगड़ी हुई आर्थिक स्थिति और रोडवेज के कर्मचारियों की समस्याएं रातों-रात बदलने वाली नहीं है ।इसके लिए हमें सतत प्रयास करते रहना चाहिए। फैडरेशन के प्रदेश महामंत्री सत्यनारायण शर्मा ने बताया कि बैठक में रोडवेज में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की मांग का मुद्दा प्रमुखता से छाया रहा पदाधिकारियों ने कहा की राज्य सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य करने की बात कह रही है और दूसरी ओर रोडवेज में पूर्व में ली गई 398 अनुबंधित वाहनों में हुए भ्रष्टाचार की जांच भी अभी तक विचाराधीन है उस पर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नही होना सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर भी प्रश्न चिन्ह लगाता है। बैठक में भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष राज बिहारी शर्मा ,भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह डाबी, प्रदेश महामंत्री हरिमोहन शर्मा, परिवहन के प्रभारी विजय सिंह वाघेला, भारतीय परिवहन मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय मंत्री महेश चतुर्वेदी शामिल हुए।
सत्यनारायण शर्मा ने बैठक में हुए निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि रोडवेज में चालक वर्ग को छोड़कर सभी वर्गो के प्रमोशन चैनल निर्धारित है सिर्फ चालक का प्रमोशन चैनल नहीं होने से चालको की सेवानिवृत होने तक उसी पद से रिटायर होना पड़ता है । बैठक में इस विषय पर गहन चिंतन किया गया साथ ही रोडवेज में 10 वर्षो से नए कर्मचारियों की भर्ती नही होने से रिक्त पदों पर कर्मचारियों की भर्ती करने रोडवेज की अपनी स्वयं की बसें खरीदने , सेवानिवृत कर्मचारियों के भुगतान की समस्या, एजेंसी चालक तथा बस सारथी योजना के संबंध में चिंतन और विचार विमर्श हुआ। विचार विमर्श के बाद चार प्रस्ताव दिए गए पहले प्रस्ताव में भारतीय मजदूर संघ के सदस्यता अभियान दूसरा चालक वर्ग के प्रमोशन हेतु रोडवेज में कार्यरत लगभग 4000 चालकों में जन जागरण अभियान चलाकर कार्यरत प्रत्येक आगार में चालको के हस्ताक्षर से अभियान चलाया जाकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया ,दूसरी ओर रोडवेज में कार्यरत बस सारथीयों तथा एजेंसी के माध्यम से संविदा में लगे हुए चालको को शोषण से मुक्ति हेतु निगम में मानदेय के लिए उत्तर प्रदेश पैटर्न पर 1.59 रुपए प्रतिकिलोमिटर के भुगतान करने की योजना लागू करने और निगम द्वारा नई भर्ती करने पर अनुभव के आधार पर इन्हें नियुक्तियों में प्राथमिकता दिए जाने सहित निर्णय किए गए जिसे फैडरेशन के मांग पत्र में शामिल कर आगामी आंदोलन की रणनीति बनाने पर सहमति दी गई । संगठन को मजबूत करने के लिए कार्य योजना में सभी प्रदेश पदाधिकारीयों को डिपो में जाकर प्रवास करने के कार्यक्रम की घोषणा भी की गई। कार्यक्रम में उपस्थित महिला पदाधिकारीयो को भी रोडवेज में महिला परिचालकों को चाइल्ड केयर लीव दिलवाने की सुविधा दिलवाने हेतु भी प्रत्येक आगार में संपर्क कर एक ज्ञापन पृथक से मुख्यमंत्री महोदय को देने का निर्णय किया गया।