जयपुर— राज्य सरकार की बजट घोषणा वर्ष 2024-25 की अनुपालना में प्रदेश में 01 अप्रेल से ई-ड्राईविंग लाईसेन्स एवं ई-पंजीयन प्रमाण पत्र की सुविधा प्रारंभ की जा रही है। इसके अतंर्गत आवेदक को ड्राईविंग लाईसेन्स और वाहन पंजीयन से संबंधित किसी भी सेवाओं के लिए स्मार्ट कार्ड जारी नहीं किये जाएंगे। आवेदकों को 200/- रू. स्मार्ट कार्ड शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा। इस व्यवस्था को लागू किये जाने के लिए परिवहन भवन में परिवहन आयुक्त डॉ. मनीषा अरोड़ा द्वारा ऑटोमोबाईल डीलर्स के साथ बैठक कर उनके सुझाव लिये गये।
e-DL एवं e-RC के आवेदकों को ड्राईविंग लाईसेन्स एवं वाहन पंजीयन प्रमाण पत्र जारी करने के साथ ही SMS द्वारा लिंक प्राप्त होगा जिससे परिवहन सेवा सिटिजन पोर्टल के माध्यम से e-DL एवं e-RC घर बैठे ही प्रिंटेबल पीडीएफ फॉरमैट में आवेदक को उपलब्ध कराई जाएगी। e-DL एवं e-RC का प्रिंट प्राप्त करने के लिए सभी परिवहन कार्यालयों में ई-मित्र प्लस मशीन भी लगाई जा रही है। इसके अलावा e-DL एवं e-RC का प्रिंट किसी भी ई—मित्र क्रेंद से निर्धारित शुल्क का भुगतान कर प्राप्त कर सकेंगे। e-DL एवं e-RC को उस पर अंकित क्यूआर कोड द्वारा स्कैन कर इसकी प्रमाणिकता की आसानी से जांच की जा सकती है। जिन आवेदकों द्वारा स्मार्ट कार्ड फीस का भुगतान 31 मार्च, 2024 तक कर दिया जाता है उन्हें 1 अप्रैल से जारी होने वाले ड्राईविंग लाईसेन्स और वाहन पंजीयन प्रमाण पत्र Electronically ही उपलब्ध कराये जाएंगे। इनके द्वारा ऑनलाईन भुगतान किया गया स्मार्ट कार्ड शुल्क विभाग द्वारा लौटाया जायेगा। इस हेतु परिवहन मुख्यालय के स्तर पर केन्द्रीकृत रुप में रिफंड की कार्यवाही संपादित की जायेगी।
वर्तमान में परिवहन विभाग द्वारा ड्राईविंग लाईसेन्स की 06 तथा पंजीयन प्रमाण पत्र से संबंधित 05 सेवाएं कॉन्टेक्टलैस प्रदान की जा रही हैं किन्तु इन सेवाओं को प्राप्त करने के पश्चात भी आवेदकों को ड्राईविंग लाईसेन्स एवं पंजीयन प्रमाण पत्र लेने कार्यालयों में आना होता है। e-DL एवं e-RC के लागू होने से आमजन को परिवहन कार्यालयों में आये बिना इन कॉन्टेक्टलैस सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा। राज्य सरकार द्वारा इस व्यवस्था हेतु 49 करोड़ का भार वहन किया जायेगा। पुलिस, परिवहन अधिकारी एवं अन्य अधिकृत जॉच एजेन्सियों को भी ई-डीएल एवं ई-आरसी पूर्व के कार्ड की तरह ही मान्य होगा। केंद्रीय मोटरयान नियमों में इलेक्ट्रॉनिक रुप में जारी e-DL एवं e-RC को वैधानिक रुप से मान्यता प्रदान की गई है। इस संबंध में भारत सरकार द्वारा भी गाईडलाइन जारी की गई है। डिजिटल रुप में प्राप्त e-DL एवं e-RC को M-परिवहन एवं DigiLocker में सेव करके भी जांच एजेंसी को दिखाया जा सकता है।