बहुप्रतीक्षित पार्वती,कालीसिंध,चंबल,ईस्टर्न राजस्थान कैनाल लिंक प्रोजेक्ट पर राजस्थान, मध्यप्रदेश और केंद्र सरकार के बीच समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुए। इस दौरान राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा और एमपी के सीएम मोहनलाल यादव मौजूद रहे। इस मौके पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि मध्य प्रदेश और राजस्थान के 26 जिलों के लाखों लोगों के लिए एक स्वर्णिम सूर्योदय का दिन है। इस प्रोजेक्ट से दोनों राज्यों में पांच लाख 80 हजार से ज्यादा हेक्टेयर भूमि की सिंचाई और 30.40 साल तक लाखों लोगों को पेयजल की सुविधा स्थाई रूप से मिलने वाली है। समझौता पत्र हस्ताक्षर के दौरान केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि आज निश्चित ही मध्य प्रदेश और राजस्थान के पानी की कमी वाले 26 जिलों के लाखों लोगों के लिए एक स्वर्णिम सूर्योदय का दिन है। भारत सरकार के लिए भी आज एक अत्यंत सफलता से भरा हुआ दिन है। पार्वती.कालीसिंध.चंबल व पूर्वी राजस्थान कैनल प्रोजेक्ट ;ईआरसीपी को इंटीग्रेटेड करके एक नई नदी जोड़ने के परियोजना की कल्पना की गई। शेखावत ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बधाई देते दी। समझौता पत्र हस्ताक्षर के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और दोनों राज्यों के अलावा केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय के अधिकारी उपस्थित रहे।
. पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर, अजमेर और टोंक में पेयजल उपलब्ध होगा।
. 2,80,000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
. लगभग 25 लाख किसान परिवारों को सिंचाई जल और राज्य की लगभग 40 प्रतिशत आबादी को पेयजल उपलब्ध हो सकेगा।
. केंद्र सरकार ने 13 दिसंबर 2022 को पार्वती.कालीसिंध.चंबल लिंक प्रोजेक्ट को ईआरसीपी के साथ एकीकृत करने के प्रस्ताव को प्राथमिकता वाली लिंक परियोजना के लिए अनुमोदन किया गया।
. ईआरसीपी में सम्मिलित रामगढ़ बैराज, महलपुर बैराज, नवनैरा बैराज, मेज बैराज, राठौड़ बैराज, डूंगरी बांध, रामगढ़ बैराज से डूंगरी बांध तक फीडर तंत्र, ईसरदा बांध का क्षमता वर्धन और पूर्वनिर्मित 26 बांधों का पुनरूद्धार किया जाएगा।