अजमेर— केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (पीकेसी-ईआरसीपी) लिंक परियोजना भविष्य में पूर्वी राजस्थान के अजमेर समेत 13 जिलों के लिए वरदान साबित होगी। इस परियोजना के बाद बीसलपुर बांध हर साल सौ प्रतिशत भरेगा। 35 से ज्यादा छोटे-बड़े बांध और तालाब भी इस परियोजना के माध्यम से भरे जाएंगे। मंगलवार शाम पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में पानी का संकट है। इसके स्थाई समाधान का मार्ग केवल ईआरसीपी बनने से होता है। वसुंधरा सरकार के समय में ईआरसीपी की डीपीआर बनाकर भारत सरकार को भेजी गई थी, लेकिन उसमें कुछ तकनीकी खामियां थीं। इसलिए वो उस समय अप्रूव नहीं हो पाई थी। दुर्भाग्य से वर्ष 2018 में भाजपा सरकार चली गई। वर्ष 2019 से 2023 के अंत तक पांच साल तक पिछली कांग्रेस सरकार और उसके मुखिया अशोक गहलोत ने केवल और केवल इस विषय को लेकर राजनीति की। शेखावत ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने 13 जिलों के लगभग 3 करोड़ लोगों के प्यासे कंठों, पेयजल के हितों पर कुठारागत और राजनीति की। लाखों हेक्टेयर संचित हो सकने वाली जमीन के किसानों के अरमानों पर राजनीति की। ईआरसीपी को एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की कुचेष्टा की। बार-बार आग्रह करने, बार-बार बैठकें आयोजित करने के बावजूद तत्कालीन कांग्रेस सरकार मुखिया जी के दबाव में न तो बैठक में सम्मिलित हुई और न इस विषय को आगे बढ़ाना स्वीकार किया। उल्टा अपनी राजनीतिक आकांक्षाओं की पूर्ति करने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री जी के लिए अशोभनीय शब्दों का प्रयोग किया। मुझे तो नकारा, निकम्मा, अर्कमण्य और पता नहीं, कितनी तरह के विभूषणों व आभूषणों से विभूषित करने का काम किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से पूर्व हमने बार-बार कहा था कि राजस्थान की जनता अबकी बार इस कांग्रेस के कुराज को उखाड़कर फेंक देगी।
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि पूर्ववर्ती अटल की सरकार के समय में बनी पीकेसी लिंक परियोजना और वसुंधरा के समय में बनी ईआरसीपी, दोनों को जोड़कर हमने एक इंटीग्रेटेड लिंक बना दिया, लेकिन पिछली सरकार की हठधर्मिता के कारण से यह सिरे नहीं चढ़ पाया। उल्टा पिछली कांग्रेस सरकार ने लोगों की आंखों में धूल झोंकने और अपनी असफलता को छुपाने के लिए, किसानों व प्यासे कंठों पर राजनीति का एक पाप किया। उन्होंने ईआरसीपी के नाम से एक छोटे नवनेरा-गलवा-बीसलपुर-ईसरदा लिंक को चिह्नित किया, जिसकी अनुमानित लागत 15,000 करोड़ रुपए आंकी गई। सरकार ने आनन-फानन में उस पर टेंडर किए।
शेखावत ने कहा कि पिछली सरकार ने राज्यपाल के अभिभाषण में यह घोषित कराया कि वर्ष 2051 में वो ईआरसीपी को पूरा करेंगे। वो वर्ष 2023 में घोषित कर रहे थे कि 27-28 साल बाद में ये परियोजना पूरी होगी, तब तक उसकी लागत शायद 50-60 हजार करोड़ हो जाती। उसमें भी मात्र तीन जिलों अजमेर, जयपुर और टोंक को पेयजल मिलने वाला था। सिंचाई का पानी उपलब्ध नहीं था। केवल 525 एमसीएम पानी राजस्थान को मिल सकता था। उसके बन जाने के बाद पीकेसी-ईआरसीपी लिंक प्रोजेक्ट, हमने जो प्रस्तावित किया है, इसकी संभावनाएं हमेशा के लिए समाप्त होने वाली थीं।
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने भर्ती घोटाले और पेपर लीक की जांच के लिए एसआईटी गठित करने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का आभार जताया। उन्होंने कहा कि एक भी ऐसा व्यक्ति, अपराधी या आपराधिक गिरोह, जो पेपर लीक घोटाले में लिप्त था, उसे अपने किए की सजा भुगतना पड़ेगी। एक भी ऐसा अपराधी शेष न रहे और राजस्थान में इस तरह की परिस्थिति दोबारा न बने, इसको सुनिश्चित करने के लिए एसआईटी के माध्यम से और एसआईटी से आगे यदि आवश्यकता पड़ती है तो केंद्रीय जांच एजेंसी से जांच कराकर हम युवाओं को न्याय दिलाएंगे। भविष्य में पारदर्शी तरीके से भर्ती हो सके, इसे सुनिश्चित करेंगे। शेखावत ने प्रधानमंत्री उज्जवला गैस योजना के लाभार्थियों को 450 रुपए में सिलेंडर की घोषणा के लिए भी मुख्यमंत्री का आभार जताया।