केंद्र सरकार 1 फरवरी को अपना अंतरिम बजट पेश करने जा रही है और विभिन्न वर्ग को इस बजट से काफी उम्मीदें है। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की ओर से भी कुछ मांगे केंद्र सरकार के समक्ष रखी गई है। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की बैठक में विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा की गई और केंद्र सरकार से मांग की गई है कि जीएसटी के मिसमैच को खत्म किया जाए। इसके अलावा केंद्र सरकार एमनेस्टी स्कीम को लाकर इस मिसमैच को खत्म कर सकती है। इसके अलावा संघ ने केंद्र सरकार के समक्ष टीसीएस लागू करने की मांग भी रखी है।
वहीं एफएसएसएआई कृषि मण्डी में साबुत कृषि जिंस के क्रय-विक्रय के लिये आवश्यक किये गये लाईसेन्स को समाप्त किया जायें
—कोर कमेटी में उपस्थित सभी सदस्यों ने एकमत से मांग की है कि जीएसटी में खड़े हो गये मिसमैच को केन्द्र सरकार एमनेस्टी स्कीम लाकर समाप्त करें।
—फाइनेन्स एक्ट 2020 के सेक्शन 206ब्(1भ्) के द्वारा माल के विक्रेताओं पर टी.सी.एस. लागू किया गया है। इस कानून के अनुसार एक विक्रेता जिसका टर्नऑवर 10 करोड़ से अधिक है को विक्रय मूल्य का 0.1 प्रतिशत टी.सी.एस. संग्रहित करना होगा। यदि कुल विक्रय 1 अक्टूबर 2020 के बाद रुपये 50 लाख से अधिक है तो यह कानून प्रभावी होगा।
—इसके अलावा सरकार ने नया टी.डी.एस. धारा 194फ भी लागू किया है। यह 1 जुलाई 2021 से प्रभावी है। इसके अनुसार क्रेता को गत वर्ष में किसी भी माल के क्रय के लिये 50 लाख रुपये से अधिक का भुगतान करना हैं तो टी.डी.एस. 0.1 प्रतिशत काटना होगा। इसे वापिस लिया जाना चाहिये।
—एफएसएसएआई कृषि मण्डी में साबुत कृषि जिंस के क्रय-विक्रय के लिये आवश्यक किये गये लाईसेन्स को समाप्त किया जायें, क्योंकि यह माल किसान का होता है। किसान पर लाईसेन्स नहीं है।
—एम.एस.एम.ई. में व्यापारियों को ब्याज पर अधिक छूट दी जायें। एमएसएमई 11 करोड़ लोगों को रोजगार देता है एवं 40 प्रतिशत जी.डी.पी. में अपना हिस्सा रखता है।
—समर्थन मूल्य पर खरीद की जाने वाली कृषि जिंसों को मण्डी के आढ़तियों के मार्फत खरीद किया जायें। एक राष्ट्र, एक मण्डी टैक्स का कानून लाया जायें।
—जीरा, ईसबगोल तथा धनिया की मण्डियों को ड्राईपोर्ट घोषित किया जायें। और नयी प्रस्तावित रेल योजना में मण्डियों तक ट्रेक दिये जायें, ताकि लदान तीव्र हो सके।