देश के अधिकतर राज्यों में इस समय सर्दी अपने तेवर दिखा रही है, दिन और रात के तापमान में भारी गिरावट होने के चलते कड़ाके की सर्दी लोगों की कंपकंपी छुड़ा रही है तो वहीं घना कोहरा और मावठ की बारिश भी लोगों को जमकर सताती हुई नजर आ रही है, लोग सर्दी से बचने के लिए हर जतन करते हुए नजर आ रहे हैं, गर्म कपड़ों के साथ साथ अलाव का सहारा भी लोग ले रहे हैं, लेकिन कुछ घरों में अंगीठी की आंच से भी सर्दी से बचाव का काम किया जा रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं बंद कमरे में अंगीठी जलाना कितना खतरनाक हो सकता है....
सर्दी से बचाव के लिए लोग बंद कमरे में अंगीठी का उपयोग करते हैं, लेकिन ये उपयोग आपकी जान पर भारी पड़ सकता है, जिसकी वजह है अंगीठी से कार्बन मोनोऑक्साइड का निकलना, अंगीठी में उपयोग किए जाने वाले कोयला जब जलता है तो उसमें से यह गैस निकलती है, कार्बन मोनोऑक्साइड गैस पॉइजनिंग बहुत ही खतरनाक होती है, इस गैस का पता ही नहीं चलता और नींद ही नींद में व्यक्ति दम घुटने से दम तोड़ देता है
बंद कमरे में अंगीठी जलाकर सोते समय मौत के मामले देश में बहुत से हिस्सों में सामने आते रहते हैं, इनमें से कुछ ऐसे मामलों का यहां जिक्र किया जा रहा है जो आपकी आंखों को खोलेगा
अंगीठी जलाकर सोना कितना खतरनाक हो सकता है ये आप इन तीन घटनाओं से समझ सकते हैं, पहली घटना है राजस्थान के चूरू जिले के रतनगढ़ की जहां सर्दी से बचने के लिए परिवार के लोगों ने कमरे में अंगीठी जलाई और सर्दी से राहत मिलने के बाद सो गए, बंद कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बनने के चलते तीन लोग नींद में ही जिंदगी गंवा बैठे तो वहीं तीन महीने के मासूम को गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती करवाया गया
ऐसा ही एक मामला देखने को मिला वाराणसी में, जहां कड़कड़ाती सर्दी से बचाव के लिए परिवार ने कडाही में आग जलाकर सो गए, धूंए के चलते 3 लोग बेहोश पाए गए तो एक युवक की मौत हो चुकी थी
पंजाब के संगरुर जिले में भी एक मजबूत परिवार सर्दी से बचाव के लिए कमरे में अंगीठी जलाकर सो गया, दम घुटने से जहां 4 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई तो वहीं एक गंभीर को अस्पताल में भर्ती करवाया गया
चिकित्सकों की ओर से समय समय पर लोगों को बंद कमरे में आग जलाने से परहेज करने की सलाह दी जाती है, ऐसा इसलिए की कोयले की अंगीठी या आग जलाने से बंद कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड की गैस बनती है, यह गैस जहरीली होती है, गैस को बंद कमरे से बाहर जाने का रास्ता नहीं मिल पाता, जिसकी वजह से कमरे में मौजूद ऑक्सीजन पूरी तरह से खत्म हो जाती है, ऑक्सीजन की कमी से लोगों का दम घुटने लगता है, जिससे उनकी जान चली जाती है