जयपुर— चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह के निर्देशों पर प्रदेशभर में नशीली दवाओं के अवैध कारोबार एवं दुरूपयोग रोकने के लिए 4 मार्च से 18 मार्च 2024 तक 15 दिवसीय विशेष अभियान चलाया जा रहा है। सहायक औषधि नियंत्रकों की देखरेख में चल रहे इस अभियान में औषधि नियंत्रण अधिकारियों द्वारा नशे के कारोबार में लिप्त दवा विक्रेताओं की गहनता से जांच कर कार्रवाई की जा रही है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि विगत दिनों मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश में युवा पीढ़ी को नशे की लत से बचाने के लिए नशीली दवाओं के अवैध कारोबार पर प्रभावी रोकथाम के लिए सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसी के दृष्टिगत चिकित्सा मंत्री के निर्देशानुसार 15 दिवसीय अभियान चलाया गया है।
अभियान के तहत बीकानेर, श्रीगंगानगर एवं हनुमानगढ़ जिलों में इस अभियान के तहत करीब 35 लाख रूपये की औषधियों के स्टॉक को जब्त किया गया है तथा 59 औषधि विकेताओं के लाइसेन्स निलम्बित, 2 औषधि विकेताओं के लाइसेन्स निरस्त एवं 32 औषधि विक्रेताओं से एनडीपीएस घटकयुक्त औषधियों के बेचान की अनुमति को प्रत्याहारित किया गया है। अभियान के प्रथम चरण में 200 दवा विक्रेता फर्मों का निरीक्षण किया गया, जिनमें से 33 दवा दुकानों पर फार्मासिस्ट अनुपस्थित मिले तथा 112 दवा विक्रेताओं के द्वारा एनडीपीएस घटकयुक्त औषधियों के विक्रय बिल प्रस्तुत नहीं किये गये।
पंकज गहलोत, औषधि नियंत्रण अधिकारी, जोधपुर की तहरीर पर पुलिस थाना चौपासनी हाउसिंग बोर्ड, जोधपुर सिटी पश्चिम के द्वारा कार्रवाई कर आरोपी संजय त्यागी के कब्जे से एनडीपीएस घटकयुक्त औषधि का स्टॉक जब्त कर एफआईआर दर्ज कराकर गिरफ्तार किया गया। अमनदीप, औषधि नियंत्रण अधिकारी, श्रीगंगानगर के द्वारा बिना औषधि अनुज्ञापत्र के संचालित फर्म के मालिक राहुल के कब्जे से औषधियों के स्टॉक को जब्त किया गया तथा न्यायालय से अभिरक्षा आदेश प्राप्त किये गये। औषधि नियंत्रक अजय फाटक ने दवा विक्रेताओं को डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन पर ही एनडीपीएस घटकयुक्त औषधियों का बेचान करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मरीज के नाम विक्रय बिल जारी करने हेतु निर्देशित किया गया है।