अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने अपने भाषण में भगवान राम के इतिहास को लेकर चर्चा की। मोदी ने कहा कि भगवान राम के मंदिर का निर्माण पूरे देशवासियों में एक नया उत्साह लेकर आया है। पीएम ने कहा कि 22 जनवरी एक तारीख नहीं बल्कि एक कालचक्र का उद्गम है जिसे लोग हजारों साल तक याद रखने वाले है। अयोध्या में आयोजित राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में देशभर के जाने माने लोगों के अलावा साधु संतों ने भी शिरकत की। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्याथ ने भी कार्यक्रम के बाद मंच से भाषण दिया।
पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान कहा कि आज से हजारों साल बाद भी लोग इस तारीख को याद रखने वाले है। इसके अलावा राष्ट्र गुलामी की मानसिकता तोडकर खडा हुआ है और नए इतिहास का सृजन कर रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि दैवीय आशीर्वाद और दिव्य आत्माओं की वजह से यह कार्य पूरा हुआ है। मैं इन सभी दिव्य चेतनाओं को भी नमन करता हूं। मैं आज प्रभु श्रीराम से क्षमा याचना भी करता हूं। हमारे पुरुषार्थ, हमारे त्याग, तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी कि हम इतनी सदियों तक ये कार्य कर नहीं पाए। आज वो कमी पूरी हुई है।
पीएम मोदी ने कहा कि राम के इस काम में कितने ही लोगों ने त्याग और तपस्या की। अनगिनत लोगों, कारसेवकों, संत.महात्माओं के हम सब ऋणि हैं। आज का अवसर उत्सवता का क्षण तो है ही लेकिन यह क्षण भारतीय समाज की परिपक्वता के बोध का भी क्षण है। यह अवसर सिर्फ विजय का नहीं विनय का भी है। दुनिया का इतिहास साक्षी है कि कई राष्ट्र अपने इतिहास में उलझ जाते हैं। रामलला का यह मंदिर भारतीय समाज के शांति, धैर्य, आपसी सद्भाव का प्रतीक है। हम देख रहे हैं कि निर्माण किसी आग को नहीं बल्कि ऊर्जा को जन्म दे रहा है।