जयपुर- राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा है कि विधानसभा को डिजिटल बनाने की प्रक्रिया शीघ्र ही आरम्भ कर दी जायेगी। इसके लिए केन्द्र सरकार की राज्य की विधानसभाओं को डिजिटल बनाये जाने के लिए वन नेशन वन एप्लीकेशन के तहत नेशनल ई. विधान एप्लीकेशन का उपयोग राजस्थान विधानसभा को डिजिटल बनाये जाने के लिए किया जायेगा। मंगलवार को विधानसभा में अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की अध्यक्षता में विधानसभा को डिजिटल बनाये जाने के लिए एक बैठक हुई। बैठक में देवनानी ने नेशनल ई. विधान एप्लीकेशन नेवा की जानकारी ली। देवनानी ने बताया कि इस ई. विधान एप्लीकेशन से राज्य विधानसभा के सदस्यों और अधिकारियों को कार्य करने में आसानी होगी। इस एप्लीकेशन से विधानसभा के सदन से संबंधित विधेयक, रिपोर्टस आदि की जानकारी मीडिया, अनुसंधानकर्ता और आम नागरिक देख सकेंगे। इससे विधानसभा की कार्यवाही पेपर लेस हो सकेगी और स्टेशनरी की बचत भी होगी। ई. विधान एप एन्ड्रोएड और आईओएस दोनों तरह के मोबाइल पर चल सकेगा। यह एप ई.बुक और वेबसाइट पर भी उपलब्ध होगा। नेवा के तहत सदन की कार्यवाही विवरण, सदन में रखे जाने वाले पेपर्स, विधेयक से संबंधित जानकारी, समितियों की रिपोर्ट, प्रश्न और उनके जवाब, बुलेटिन, कार्यवाही विवरण, डिजिटल लाईब्रेरी, सूचनाएं और सदस्यों से संबंधित जानकारी एक ही एप्लीकेशन में उपलब्ध होगी। विधानसभा अध्यक्ष श्री देवनानी को नेवा के अधिकारियों ने बताया कि नेवा का बीस राज्यों से सदनों को डिजिटल किये जाने का एमओयू हो चुका है। उन्नीस राज्यों की डीपीआर बन चुकी है। उन्नीस राज्यों में यह परियोजना स्वीकृत हो गई है और तेरह राज्यों में नेवा के तहत विधानसभाओं को डिजिटल किये जाने हेतु कार्य आरम्भ हो गया है।
नगर निगम ग्रेटर महापौर डॉ सौम्या गुर्जर ने मंगलवार को राजकाज ई.फाईलिंग की शुरूआत की। नगर निगम ग्रेटर ई.फाईलिंग सिस्टम को शुरू करने वाला पहला निकाय बन गया है तथा महापौर डॉण् सौम्या गुर्जर ई.फाईलिंग की शुरूआत करने वाली नगरीय निकायों में पहली महापौर बन गई है। महापौर डॉ सौम्या गुर्जर ने बताया कि ई.फाईलिंग के माध्यम से कार्य त्वरित एवं सुचारू रूप से हो रहा है। 15 फरवरी से नगर निगम ग्रेटर में राजकाज ई.फाईलिंग के माध्यम से फाईलों को भेजना शुरू कर दिया गया है। 15 फरवरी के बाद आफलाइन मोड़ पर पत्रावलियों को नहीं लिया जा रहा है। इस प्रकार की प्रक्रिया के माध्यम से सुशासन, पारदर्षिता एवं डिजिटाईजेशन को बढ़ावा मिल सकेगा।