राजस्थान लोक सेवा आयोग ( RPSC ) द्वारा अभ्यर्थियों के हितों के दृष्टिगत न्यायालयों में विचाराधीन प्रकरणों के त्वरित निस्तारण कराने हेतु हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं, 1 जनवरी 2023 से 31 जनवरी 2024 तक की अवधि में उच्च न्यायालय द्वारा 682 प्रकरणों का निस्तारण आयोग के पक्ष में किया है
इस अवधि के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ( Supreme Court ) द्वारा 9 प्रकरण, उच्च न्यायालय ( High Court ) जोधपुर पीठ द्वारा 251 प्रकरण, तथा उच्च न्यायालय जयपुर पीठ द्वारा 422 प्रकरण, आयोग के पक्ष में निस्तारित किए गए हैं, विभिन्न माननीय न्यायालयों में प्रभावी पैरवी सुनिश्चित करते हुए शेष लंबित प्रकरणों के भी शीघ्र निस्तारण के प्रयास जारी हैं
आयोग सचिव ने बताया कि आयोग, भर्ती परीक्षाओं का आयोजन संबंधित सेवा नियमों की संपूर्ण पालना कर ही संपादित करता है किंतु अनेक बार अभ्यर्थियों को नियमों की पूर्ण जानकारी नहीं होने अथवा संशय हो जाने की स्थिति में आयोग की विधिक प्रक्रिया एवं निर्णयों को न्यायालयों में चुनौती दी जाती है, ऐसे ही अधिकांश प्रकरण माननीय न्यायालय द्वारा आयोग की भर्ती प्रक्रिया को विधि सम्मत अधिनिर्णीत करते हुए आयोग के पक्ष में निस्तारित किए गए है
अभ्यर्थियों द्वारा वादकरण किए जाने से उनके संसाधनों पर भी प्रभाव पड़ता है। इसी को ध्यान में रखते हुए 1 मार्च 2019 से आयोग में प्री लिटिगेशन कमेटी का गठन किया गया है, इसके साथ ही आयोग के विरुद्ध लम्बित वादकरण को कम करने बाबत आयोग कार्यालय की विधि शाखा को निरन्तर सुदृढ़ किए जाने का भी प्रयास किया जा रहा है, न्यायालय में आयोग के प्रभावी प्रतिरक्षण हेतु राजस्थान उच्चतर न्यायिक सेवा के अधिकारी विधिक सलाहकार नियुक्त हैं, जो ऐसे प्रकरणों में आयोग को सलाह देते हैं ताकि वादकरण कम हो
उल्लेखनीय है कि उपरोक्त अवधि के दौरान आयोग के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय में 2, उच्च न्यायालय जोधपुर में 225 एवं माननीय उच्च न्यायालय जयपुर के समक्ष 455 इस प्रकार कुल 682 नवीन रिट याचिकाएं भी दर्ज हुई हैं, उक्त निस्तारण के बाद भी 4359 रिट याचिकाएं अभी विचाराधीन हैं इनमें सर्वोच्च न्यायालय में 35 प्रकरण, उच्च न्यायालय जयपुर पीठ में 3335 एवं जोधपुर पीठ में 989 प्रकरण शामिल हैं