जयपुर— शिक्षा मंत्री दिलावर सिंह ने गुरुवार को शासन सचिवालय स्थित अपने कक्ष में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए विभाग की 100 दिवसीय कार्ययोजना, शाला दर्पण पोर्टल, ज्ञान संकल्प पोर्टल एवं राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल की कार्यप्रणाली सहित अन्य गतिविधियों, योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रगति की जानकारी ली। बैठक के बाद शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि हम सभी विद्यार्थियों के हित और उनके सर्वांगीय विकास के लिए जिम्मेदार है। विभाग के सभी अधिकारी, शिक्षक और कार्मिक छात्र-छात्राओं के हितों को केन्द्र में रखकर एक टीम के रूप में मिलकर कार्य करते हुए विभागीय गतिविधियों, योजनाओं और कार्यक्रमों का प्रभावी संचालन करें। उन्होंने कहा कि आमजन की ओर से प्राप्त अच्छे और व्यवहारिक सुझावों के आधार पर विभाग में सुधार के लिए निरंतर पहल की जाए, वहीं लोगों की शिकायतों और प्रकरणों के समयबद्ध निस्तारण के लिए सजगता से कार्य किया जाए। शिक्षा मंत्री ने इस दौरान प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के जाति और मूल निवास प्रमाणपत्र जैसे आवश्यक दस्तावेजों को बनाने के लिए संस्था प्रधानों और जिला शिक्षा अधिकारियों के समन्वय से एक सिस्टम तैयार करने के निर्देश दिए। दिलावर ने शिक्षा विभाग की योजनाओं और कार्यक्रमों पर चर्चा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस दिशा में सोचें और इसकी कार्ययोजना बनाएं।
दिलावर ने कहा कि वर्ष 2006 में हमारी सरकार के समय में विद्यार्थियों से बिना एप्लीकेशन लिए मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र बनवाने की पहल की गई थी। इसके तहत स्कूलों के संस्था प्रधानों द्वारा एक प्रोफार्मा तैयार कर छात्र-छात्राओं से भरवाया गया, फिर इसमें ग्राम सेवक और पटवारी के साथ समन्वय करते हुए जानकारी को वैरीफाई कराया गया। इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारियों के स्तर पर अग्रिम कार्यवाही करते हुए बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के ऐसेे प्रमाण पत्र बनवाए गए। उन्होंने इसी तर्ज पर शिक्षा विभाग के स्तर पर सिस्टम विकसित करने के निर्देश दिए। शिक्षा मंत्री ने कहा कि पाठ्य पुस्तक मंडल के स्तर पर यह सुनिश्चित किया जाए कि नए सत्र में स्कूलों के खुलते ही पाठ्यक्रम की सभी किताबें बच्चों के पास पहुंचे, इस लिहाज से कार्ययोजना और प्रक्रियाओं का निर्धारण किया जाए। उन्होंने सतत शिक्षा और साक्षरता से संबंधित गतिविधियों की प्रगति के बारे में भी अधिकारियों से फीडबैक लिया। इस दौरान स्कूल शिक्षा विभाग, राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद, पाठ्यपुस्तक मंडल, साक्षरता एवं सतत शिक्षा निदेशालय और अन्य सम्बंधित अधिकारी मौजूद रहे।