जयपुर— पशुपालन एवं गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने बुधवार को सचिवालय भवन में पशुपालन विभाग की समीक्षा बैठक में भाग लिया। इस दौरान बैठक में पशुपालन मंत्री ने विभाग के 100 दिवसीय कार्ययोजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को 100 दिनों के लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश प्रदान किए। कुमावत कहा कि पिछले साल लंपी की भयावहता से सबक लेते हुए हमें इस बार समय रहते सचेत होना होगा। उन्होंने इसकी रोकथाम के लिए टीकाकरण अभियान की शुरुआत मई में शुरु करने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। मोबाइल वेटनरी यूनिट के लिए शुरु होने वाले कॉल सेंटर की प्रगति की समीक्षा करते हुए पशुपालन मंत्री ने निर्देश दिये कि जल्द से जल्द इसे चालू किया जाए जिससे मोबाइल वेटनरी यूनिट को शुरु करने का उद्देश्य पूरा हो सके। मोबाइल वेटनरी यूनिट पशुपालकों के दरवाजे पर पशुओं के लिए चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराएगा लेकिन इसका फायदा तभी है जब कॉल सेंटर काम करना शुरू कर दें। उन्होंने कहा कि अभी जो मोबाइल यूनिट अपनी—अपनी रूट पर चल रहे हैं उनकी मॉनिटरिंग भी सुनिश्चित की जाए।
पशुपालन मंत्री ने कहा कि पशु चिकित्सालयों और उप केंद्रों में दवाई की आपूर्ति सही समय पर न होने की शिकायतें मिलती हैं। उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए विभाग को निर्देश दिए कि इस व्यवस्था को जल्द से जल्द दुरुस्त किया जाए जिससे पशुपालकों को असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी पशु चिकित्सा संस्थानों में पशुधन नि:शुल्क दवा योजना के तहत औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित करायें ताकि गरीब पशुपालकों को इसका समुचित लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि हमें आने वाली समस्याओं को ध्यान में रखकर पहले से ही योजना बना लेनी चाहिए। पशुपालन मंत्री ने कहा कि पशुपालक के पशुधन की आर्थिक सुरक्षा पशुधन बीमा द्वारा ही संभव है। पशु बीमा योजना विभाग की एक बड़ी योजना है। इसकी विभागीय कार्यवाही पूरी करते हुए इसे इसी बजट में शुरु करना है। उन्होंने पशु बीमा योजना की पूरी कार्ययोजना का प्रस्ताव बजट से पूर्व प्रस्तुत करने को कहा। कुमावत ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग पशुधन सहायक प्रशिक्षण संस्थान खोलने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए एक पोर्टल का निर्माण किया जाए और उस पर आवेदनकर्ताओं से आवेदन मांगे जाएं। निश्चित अवधि तक खुलने वाले इस पोर्टल पर आवेदन करने वालों के आवेदन पर कार्यवाही की जाए। उन्होंने इसकी सारी प्रक्रिया को ऑनलाइन रखने का निर्देश दिया जिससे पारदर्शिता बनी रहे।
उन्होंने कहा कि विभाग में बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं। इससे विभागीय कार्यों के अलावा पशुओं की चिकित्सा सेवा भी प्रभावित होती है। उन्होंने विभाग को निर्देश दिया कि खाली पड़े पदों को भरने के लिए शीघ्र कार्यवाही शुरु की जाए। विभाग के भवन रहित चिकित्सा केंद्रों के निर्माण, क्षतिग्रस्त भवनों की मरम्मत और आधारभूत सुविधाओं के विकास हेतु समयबद्ध कार्ययोजना का निर्माण किया जाए कुमावत ने कहा कि हमें अन्य राज्यों की गोपालन योजना को मंगाकर उनका अध्ययन करना चाहिए और उनमें से अपने काम की चीजों को अपने प्रदेश के लिए अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गोपालकों को सशक्त बनाने के लिए सरकार गोबर और गोमूत्र खरीदकर उनसे कुछ उत्पाद बनाकर बाजार में लांच कर सकती है। इस बारे में उन्होंने अधिकारियों को विचार कर योजना बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि गोपालकों को गोबर और गोमूत्र का फायदा मिलना शुरू होगा तो लोग अपनी गायों को गोशालाओं में भी नहीं भेजेंगे।