RAS MAINS परीक्षा को आगे बढ़वाने का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है.... ऐसे में अभ्यर्थी लगातार धरने प्रदर्शन कर परीक्षा को स्थगित करवाने की मांग तो कर ही रहे है.... साथ ही साथ बीजेपी समर्थित विधायकों से समर्थन मांग कर सीएम भजनलाल शर्मा तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश भी लगातार कर रहे है..... रविवार 31 दिंसबर को प्रदेश के विभिन्न अंचलो से जयपुर पहुंचे सैकड़ों अथ्यर्थियों ने ओटीएस में सीएम भजनलाल को ज्ञापन देकर आरएएस परीक्षा को आगे करवाने की मांग भी की थी.... इस पर सीएम ने एक बार तो अथ्यर्थियों को पॉजिटिव रेस्पांस देकर उनको राजी कर दिया था.... लेकिन अभी तक भी मामला जस का तस ही पड़ा है.... ऐसे में अब आरपीएससी ने 27 और 28 जनवरी को परीक्षा की डेट फिक्स कर वापस अथ्यर्थियों की टेंशन बढा दी है, अब अथ्यर्थियों के पास कोई चारा नहीं बचा है.. सिवाय सरकार से मांग करने और अंत में तय तिथी पर एग्जाम देने के..
लेकिन मसला यही ही खत्म नहीं होता… छात्रों का कहना है कि जब प्रदेश में कांग्रेस की गहलोत सरकार थी तब बीजेपी नेताओं ने बड़े बड़े वायदे किए थे… विपक्ष में रहते हुए बीजेपी के नेता रामलाल शर्मा, राजेंद्र राठौड़, किरोड़ीलाल मीणा और तो और पूर्व सीएम वुसंधरा राजे ने भी गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा था.... ऐसे में छात्रों की सुनने वाला अब कोई नहीं है.... क्योंकि सत्ता में आते ही बीजेपी नेताओं को तो जैसे इस मसले को लेकर सांप सुंघ गया हो.... इतना नही अथ्यर्थियों ने करीब प्रदेश के दो दर्जन से ज्यादा विधायकों से मिलकर आरएएस मैंस परीक्षा को आगे करवाने के लिए लेटर भी लिया है..... विधायकों ने सीएम को भी इसकों लेकर पत्र लिखे है...... अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी है कि तारीख को लेकर प्रदेश की डबल इंजन भजनलाल सरकार क्या फैसला लेती है.....
इस पूरे मामले में आरपीएससी एक बार फिर विवादों में घिर गया है.. अथ्यर्थियों का कहना है कि एग्जाम यूपीएससी की तर्ज पर ही करवाएं.. जिस प्रकार यूपीएससी तय समय पूर्व कैलेंडर जारी करता है वैसे ही RPSC भी निर्धारित तय समय पूर्व ही कैलेंडर जारी करे.... अथ्यर्थियों का आरोप है हर बार सिलेबस में कोई नई चीज जोड़ दी जाती है कुछ हटा दिया जाता है.... ऐसे में इतने से समय पर छात्र अपडेट नहीं हो पाते...... अथ्यर्थियों का कहना है कि आरपीएससी के इतिहास में ऐसा पहली बार ही हुआ है कि जब मेंस परीक्षा के लिए मात्र तीन महीनों का ही समय दिया गया है...... ऐसे में अथ्यर्थियों के सब्र का बांध अब टूट सा गया है...... छात्रों की मांग है कि मैंस एग्जाम को लेकर आयोग ने बहुत ही कम समय दिया है लिहाजा तारीख को बढ़ाया जाय.
आपको बता दे कि आरएएस की प्री परीक्षा 1 अक्टूबर को आयोजित की गई थी.....मैंस परीक्षा के लिए प्रदेशभर से 19 हजार 3 सौ 48 अथ्यर्थियों को चुना गया था.... मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए RPSC अध्यक्ष द्वारा यह बयान दिया गया कि यह कोचिंग संस्थान द्वारा चलाया गया अजेंडा है तथा माँग करने वाले अभ्यर्थियों का मुख्य परीक्षा से कोई सम्बंध नही है, इस टिप्पणी का विरोध करते हुए सोमवार को पुनः महिला अभ्यर्थियों ने कैबिनेट मंत्री डॉक्टर किरोड़ीलाल मीणा से मुलाक़ात की, महिला अभ्यर्थियों ने अपना प्रारम्भिक परीक्षा का रिज़ल्ट उनको दिखाया तथा बताया की हम राज्य के अलग अलग हिस्से से अपना घर परिवार बच्चों को छोड़कर राजस्थान की संवेदनशील सरकार के समक्ष अपनी माँग रखने आयी थी परंतु इस पर ऐसी प्रतिक्रिया मिलना महिलाओं क़ी प्रतिष्ठा के विरुद्ध है, हमारा माँग को कोचिंग संस्थान की मांग बोलकर हमारी छवि “कोचिंग माफिया” एवं “पोस्ट्पोंड गैंग” के रूप में प्रस्तुत करना भाजपा सरकार के महिला सम्मान वाले शासन के विरुद्ध है
साथ ही अभ्यर्थियों ने यह भी पूछा की इस परीक्षा को इतनी जल्दी करवाने के पीछे RPSC का कौनसा निजी स्वार्थ निहित है ? आयोग लगातार हमारी माँग को ग़लत माँग क्यों साबित करना चाहता है? अपनी बात सरकार से मनवाने तथा अपनी तानाशाही स्थापित करने के लिए आयोग कभी संविधानिक संस्थान, कभी UPSC की तर्ज़ तो कभी कोचिंग माफिया जैसे टैग की ओट ले रहा है, पिछली सरकार के समय फ़रवरी 2022 में माँग करने वाली महिला अभ्यर्थियों की जब तत्कालीन सरकार ने जब अनदेखी की तब वर्तमान मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने यह टिप्पणी की थी कि “सरकार की संवेदनशीलता मर चुकी है, जिसे रोती बिलखती बेटियाँ भी नही दिख रही है…” ऐसे में वर्तमान में लगातार महिला अभ्यर्थी बार बार अपनी माँग को लेकर दर दर भटक रही है तो खून से पत्र भी लिख रही है