जयपुर— सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती मरीज सचिन शर्मा को गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने के मामले में दोषी पाये गये एक नर्सिंग ऑफिसर को राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और तीन चिकित्सकों को एपीओ किया है। जिसमें रेजिडेंट चिकित्सक भी शामिल है। रेजिडेंट चिकित्सकों को एपीओ करने के बाद अब रेजिडेंट चिकित्सक इसके विरोध में उतर गए है और हडताल कर दी है। रेजिडेंट चिकित्सकों का कहना है चिकित्सा विभाग ने बिना जांच किए रेजिडेंट चिकित्सकों पर कार्रवाई की है। जिसके बाद सवाईमान सिंह मेडिकल कॉलेज से अटैच अस्पतालों में कार्यरत रेजिडेंट चिकित्सकों ने दो घंटे कार्य बहिष्कार किया। रेजिडेंट चिकित्सकों का कहना है कि सरकार रेजिडेंट चिकित्सकों को एपीओ करने वाले आदेश को तुरंत वापस ले और साथ ही रेजिडेंट ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार उनकी मांग को नहीं मानती है तो फिर सभी अस्पतालों में पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार कर दिया जाएगा।
सचिन शर्मा को गलत ग्रुप का ब्लड चढाने के मामले के बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव, चिकित्सा शिक्षा शुभ्रा सिंह की ओर से जारी आदेश के अनुसार प्रकरण में प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक, मेडिकल कॉलेज, जयपुर द्वारा गठित जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में अस्थि रोग विभाग के सह आचार्य डॉ. एस.के. गोयल, इन सर्विस रेजीडेन्ट डॉ. दौलतराम एवं डॉ. रिषभ चलाना तथा नर्सिंग ऑफिसर अशोक कुमार वर्मा को दोषी पाया था। जिसके बाद डॉ. एस.के. गोयल, डॉ. दौलतराम एवं डॉ. रिषभ चलाना को तत्काल प्रभाव से पदस्थापन आदेशों की प्रतीक्षा में रखा गया । डॉ. गोयल का मुख्यालय निदेशालय, चिकित्सा शिक्षा तथा डॉ. दौलतराम एवं डॉ. रिषभ चलाना का मुख्यालय निदेशालय, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, जयपुर रखा गया है। वहीं सवाई मानसिंह अस्पताल के पोलीट्रोमा वार्ड के नर्सिंग ऑफिसर अशोक कुमार वर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था।
दरअसल मामला सामने आने के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह ने जांच के लिए तत्काल प्रभाव से कमेटी गठित करने के निर्देश दिये थे। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि मरीज सचिन शर्मा का ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव था और उसने एबी पॉजिटिव ग्रुप की 1 यूनिट पीआरबीसी और 1 यूनिट एफएफपी भी प्राप्त की। रिपोर्ट के अनुसार ब्लड ट्रांसफ्यूजन के लिए सैम्पल नर्सिंग ऑफिसर अशोक कुमार वर्मा द्वारा लिया गया। रेजीडेन्ट डॉ. रिषभ चलाना ने मरीज की बीएचटी पर कोई नोट्स नहीं लिखे। साथ ही ऑन कॉल सह आचार्य डॉ. एस.के. गोयल ने सर्जरी से पहले ब्लड ट्रांसफ्यूजन पैरामीटर्स पर ध्यान नहीं दिया। डॉ. दौलतराम जो 15 फरवरी की रात को ट्रोमा ब्लड बैंक में ड्यटी पर थे, उन्होंने गलत ब्लड ग्रुप के बारे में उच्च अधिकारियों को जानकारी नही दी।