राज्यपाल कलराज मिश्र ने भारत की प्राचीन समृद्ध चिकित्सा परंपराओं से सीख लेकर आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के प्रभावी विकास के लिए कार्य करने का आह्वान किया है, उन्होंने शारीरिक व्याधियों की पहचान और रोग निदान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआइ) के उपयोग की संभावनाओं पर भी कार्य किए जाने पर जोर दिया, राज्यपाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति के संदर्भ में चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रमों को निरंतर अपडेट किया जाए
राज्यपाल मिश्र ने मंगलवार को राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के 9वें दीक्षान्त समारोह में एआई साक्षरता बढ़ाने के साथ दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को किफायती और सुलभ बनाने में इसके उपयोग की संभावनाएं तलाशे जाने पर जोर दिया, उन्होंने कहा कि नवीन शिक्षा नीति के आलोक में राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय आधुनिक पाठ्यक्रमों की पहल करे एंव चिकित्सा विज्ञान में नवाचार को प्रोत्साहित करे
राज्यपाल ने कहा कि चिकित्सक एंव विद्यार्थी चिकित्सा क्षेत्र में वैश्विक आवश्यकताओं के अनुरूप शोध की मौलिक दृष्टि का विकास करे, तथा प्रयास करे कि राजस्थान की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं देश ही नहीं, विश्वभर में अग्रणी बने, उन्होंने भावी चिकित्सकों से सस्ती और सबके लिए सुलभ चिकित्सा के लिए, पीड़ित मानवता के कष्ट दूर करने को अपना धर्म मानते हुए कार्य करने और चिकित्सा को व्यवसाय नहीं बल्कि मानव सेवा मानते हुए कार्य किए जाने का भी आह्वान किया
राज्यपाल ने स्वर्ण पदक विजेताओं में छात्रों की अपेक्षा छात्राओं की अधिक संख्या पर प्रसन्नता जताई। उन्होंने कहा कि जहां बालिकाएं पढ़ती है, वही समाज आगे बढ़ता है, समाजोत्थान के लिए महिलाओं को अधिकाधिक अवसर प्रदान किए जाने की आवश्यकता है, राज्यपाल कलराज मिश्र ने समारोह के आरम्भ में संविधान की उद्देशिका का वाचन करवाया और मूल कर्तव्यों को पढ़कर सुनाया
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि हमारी 65 प्रतिशत जनसंख्या युवा है, इन युवाओं पर ही देश का भविष्य निर्भर करता है, उन्होंने डिग्री प्राप्त करने वाले युवाओं को बधाई देते हुए कहा कि चिकित्सा नोबल प्रोफेशन है और भावी चिकित्सकों पर ही सबसे अधिक देश की जिम्मेदारी है, उन्होंने कहा कि विश्व भर में भारत में कैंसर और हृदय रोग के सर्वाधिक रोगी हैं, उन्होंने चिकित्सकों को भगवान का रूप बताते हुए कहा कि डॉक्टर ईमानदारी और नैतिक मूल्यों को सर्वोपरि रखते हुए रोग निदान के लिए कार्य करें