जयपुर— भाजपा प्रदेश कार्यालय में राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने यमुना जल समझौते को लेकर कांग्रेस द्वारा फैलाए जा रहे झूठ पर पलटवार करते हुए कहा कि ईआरसीपी और यमुना जल समझौता जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को कांग्रेस ने गर्त में डाले रखा, जबकि भाजपा की ट्रिपल इंजन सरकार ने राजस्थान की जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए इन दोनों ही समझौतों को धरातल पर लाने का कार्य किया है। कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा जनता को गुमराह करने के साथ ही प्रदेश की जनता को भ्रमित कर रहे है। राजस्थान की जनता ने खर्ची कांग्रेस सरकार भी देखी है जहां पैसा देकर काम कराने पड़ते थे। राजस्थान की इस भ्रमण वाली सरकार जनता का आभार जता रही है, जबकि कांग्रेस के पूर्व सीएम गहलोत तो डेढ़ साल तक बाहर ही नहीं निकले, इनके विधायक तक होटल में बंद रहे। ऐसे में भाजपा की काम करने वाली सरकार पर डोटासरा अपनी झेप मिटा रहे है।
सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि राजस्थान को यमुना जल समझौते से 1917 क्यूसेक पानी मिलना तय है। यह मोदी की गारंटी है और यह भी तय है कि मोदी की गारंटी है तो पूरा होने की भी गारंटी है। राजस्थान की डबल इंजन सरकार यमुना जल समझौते पर 4 माह में डीपीआर बनाने के साथ ही अपने इस कार्यकाल में चूरू, झुंझुनूं, सीकर और नीम का थाना जिले में पानी पहुंचाने का काम करेगी। भजनलाल सरकार के समझौते के अनुसार रेणुका, लखवार और किशाऊ बांध बनाए जाएंगे। इसके बाद राजस्थान को पानी आएगा। हथिनी कुंड बैराज से पहले जहां हरियाणा में 260 किलोमीटर तक नहर के माध्यम से राजस्थान को पानी मिलने की समझौता किया गया था, वहीं अब राजस्थान के हिस्से का पानी पाइप लाइन के माध्यम से लाने का समझौता किया गया है। इससे पानी का वाष्पीकरण भी कम होगा और प्रदेश की जनता को पानी भी अधिक मात्रा में मिल पाएगा। इतना ही नहीं, पाइप लाइन जमीन के नीचे डाली जाएगी, किसान को इसका मुआवजा भी मिलेगा और किसान की फसल भी खराब नहीं होगी। सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के कुकर्मो के चलते हथिनी कुंड बैराज पर 30 सालों तक कोई समझौता नहीं हो पाया। आज भी कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान की जनता से धोखा किया है। एक ओर हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस पार्टी ने आवाज उठाई कि खट्टर सरकार ने हरियाणा के हितों को राजस्थान को बेच दिया। कांग्रेस पार्टी ने हरियाणा विधानसभा में 2 बार वाॅकआउट किया और राजस्थान को मिलने वाले पानी का विरोध किया। वहीं दूसरी ओर गोविंद सिंह डोटासरा स्टेटमेंट दे रहे है कि यमुना समझौता हुआ ही नहीं। यह कांग्रेस का दोहरा चरित्र है।