जयपुर— ईआरसीपी योजना को लेकर भाजपा ने एक बार फिर कांग्रेस पर हमला बोला है और बीजेपी इस बार लोकसभा चुनावों में राजस्थान में ईआरसीपी योजना को भुनाने की तैयारी भी कर रही है। मामले को लेकर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि पिछले दो दशक से ज्यादा समय से जिन विषयों पर सहमति नहीं बन पाई थी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उन विषयों पर सहमति बन पाई। उन्होंने कहा कि पूर्वी राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट पर कांग्रेस सरकार ने लोगों के प्यासे कंटों पर राजनीति करते हुए इस परियोजना को अटकाने और भटकाने का काम किया। शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उनके दिए हुए सुझावों के तहत नदी जोड़ने की परियोजना को लेकर दो राज्यों में सहमति बनाने में सफलता मिली। यह समझौता दो राज्यों के बीच में पानी के बंटवारे या दो राज्यों के बीच नदी जोड़ने का समझौता मात्र नहीं है, बल्कि यह राजस्थान के पूर्ववर्ती 13 जिले, अब 21 हो गए हैं और मध्य प्रदेश के 13 जिलों के डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोगों को व राजस्थान से 3 करोड़ से ज्यादा लोगों के लिए सकारात्मक परिवर्तन लाएगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने के साथ ही राजस्थान में 30 जिलों को तकदीर और तस्वीर दोनों ही बदल जाएगी।
शेखावत ने कहा, ठीक इसी तरह शेखावाटी के तीनों जिलों में पेयजल संकट बना हुआ है। हरियाणा पानी की मंजूरी नहीं देने पर अड़ा हुआ था, लेकिन प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री ने जल शक्ति मंत्रालय के सुझावों के आधार पर यह स्वीकृति प्रदान की। शेखावत ने कहा, दोनों योजनाओं की फाइनल डीपीआर पर तेज गति से काम शुरू हो गया है और दोनों योजनाओं को सीमित समय दिया गया है कि डीपीआर बने और कैबिनेट में अप्रूवल करवाकर काम शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में इस मुद्दे की गूंज सुनाई पड़ेगी, लेकिन हमारा लक्ष्य मध्य प्रदेश के 13 और राजस्थान के 21 जिलों के साथ ही पूरे राजस्थान को सुचारू पानी पहुंचाने का है।