जयपुर- प्रदेश में भाजपा सरकार बनते ही अब राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में उठापटक शुरू हो गई है। खेल परिषद की ओर से एमओयू खत्म होने पर जहां आरसीए को नोटिस जारी किया गया था उसके बाद अब सहकारिता विभाग ने भी आरसीए को नोटिस जारी कर दिया है। जिसके बाद आरसीए की मुश्किलें बढने लगी है। सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार अर्चना सिंह ने ये नोटिस जारी किया है जिसमें आरसीए को 5 बिंदुओं पर जवाद देना होगा। वहीं मामले को लेकर सहकारिता विभाग ने जांच के लिए सहकारिता विभाग के अतिरिक्त रजिस्ट्रार जितेंद्र शर्मा को नियुक्त किया है। नोटिस में कहा गया है कि आरसीए ने कुछ प्रावधानों का उल्लंघन किया है जिसमें कहा गया है कि आरसीए ने अभी तक किन जिलों में कितने टूर्नामेंट इसकी जानकारी खेल परिषद को नहीं दी। वहीं आरसीए ने ऑडिट रिपोर्ट का ब्यौरा भी खेल परिषद को नहीं दिया। इसके अलावा एमओयू के तहत आरसीए ने अभी तक खेल परिषद की बकाया राशि जमा नहीं करवाई है जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ है। इसके साथ ही नोटिस में कहा गया है कि आरसीए की एजीएम के मिनिट्स की जानकारी भी उपलब्ध नहीं करवाई गई है। हांलाकि अब पूरे मामले पर आरसीए कोर्ट का रुख कर सकता है।
वहीं खेल परिषद और आरसीए के बीच स्टेडियम को लेकर हुआ एमओयू भी खत्म हो गया है। जिसके बाद खेल परिषद ने आरसीए से बकाया पैसा मांगा है। मामले को लेकर खेल सचिव सोहन राम चौधरी का कहना है कि आरसीए और खेल परिषद के बीच एमओयू खत्म हो चुका है ऐसे में आरसीए बकाया राशि जमा करवाकर स्टेडियम खेल परिषद को सुपुर्द करे। चौधरी का यह भी कहना है कि आरसीए की ओर से एमओयू बढाने को लेकर एक पत्र दिया गया है जिसे सरकार को भेज दिया गया है। खेल परिषद का कहना है कि खेल परिषद का आरसीए पर करीब 8 करोड रुपए बकाया चल रहा है। जिसमें 5 करोड रुपए क्रिकेट मैच के आयोजन से जुडे हुए है जबकि 3 करोड रुपए बिजली का बिल बकाया चल रहा है।