तमिलनाडु के महाबलीपुरम में मंगलवार को वाटर विजन.2047 विषय पर शुरू हुए दो दिवसीय ऑल इंडिया सेक्रेटरीज कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने जल क्षेत्र से जुड़ी चुनौतियों का मिलकर समाधान तलाशने, जल संरक्षण और संचयन से जुड़ी योजनाओं को तेजी से धरातल पर उतारने के प्रयासों पर विशेष बल दिया। शेखावत ने कहा कि देश में बढ़ती जनसंख्या के कारण भारत में प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता काफी कम हो गई है। हमारे यहां प्रति व्यक्ति औसत जल की उपलब्धता पहले से काफी कम है यह स्थिति आगे और गंभीर होगी।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता 2025 तक 1341 घन मीटर और 2050 तक महज 1140 घन मीटर ही रह जाएगी। ऐसे में यदि हमने पानी की आपूर्ति नहीं बढ़ाई, पानी की मांग और बर्बादी कम नहीं की तो निकट भविष्य में हम गंभीर जल संकट का सामना करेंगे। जल प्रबंधन और कुशल उपयोग से संबंधित मुद्दों में कई क्षेत्रीय जटिलताएं हैं। लिहाजा इन चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए समन्वित प्रयास करने की जरूरत है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जल प्रबंधन के प्रति हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण दूरदर्शी है। उन्होंने पानी को लेकर काम कर रहे विभिन्न विभागों को एकसाथ लाकर 2019 में जलशक्ति मंत्रालय का गठन किया। इसी क्रम में प्रधानमंत्री ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का आह्वान किया है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए हमारी सरकार ने Whole of government और whole of country के एप्रोच के साथ India@2047 विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया है। शेखावत ने कहा कि विकसित भारत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो 9 संकल्प देश के सामने रखे हैं, उसमें जल संरक्षण सबसे ऊपर है। शेखावत ने कहा कि जल क्षेत्र में जन.भागीदारी और सभी के निरंतर प्रयासों से हमने कुछ बड़ी सफलताएं हासिल की हैं, जिसकी वैश्विक मंचों पर भी जमकर सराहना हो रही है। उन्होंने कहा कि गंगा और उसकी सहायक नदियों को स्वच्छ बनाने के लक्ष्य के साथ शुरू किए गए नमामि गंगे मिशन को दिसंबर 2022 में संयुक्त राष्ट्र से सराहना मिली। संयुक्त राष्ट्र ने भारत की पवित्र नदी गंगा को फिर से जीवंत करने के लिए नमामि गंगे को दुनिया की 10 प्रमुख रेस्टोरेशन फ्लैगशिप पहलों में शामिल किया है।