26 जनवरी को पद्मश्री पुरस्कार की घोषणा की गई। देशभर से चयनित लोगों में राजस्थान की 4 हस्तियां भी शामिल है। जिसमें कला क्षेत्र से लेकर समाज के लिए काम कर रही हस्तियों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। राजस्थान की बात करें तो जयपुर के 93 साल के धुव्रपदाचार्य पंडित लक्ष्मण भट्ट तैलंग, 87 वर्षीय डॉ माया टंडन, बीकानेर के मांड गायक अली मोहम्मद.गनी मोहम्मद और भीलवाड़ा के बहरूपिया कलाकार जानकी लाल को इस पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है।
जयपुर की 87 वर्षीय माया टंडन को समाज सेवा के क्षेत्र में पद्मश्री पुरस्कार की घोषणा हुई है। जो सरकारी अस्पताल जेके लॉन हॉस्पिटल की रिटायर सुपरिटेंडेंट हैं। माया टंडन 28 साल पहले सहायता के नाम से एनजीओ शुरू किया था। इसके तहत ये लोगों को रोड सेफ्टी को लेकर जागरूक करती हैं। इमरजेंसी मेडिकल केयर को लेकर लोगों को ट्रेनिंग देती हैं। इस काम के लिए एसएमएस के डॉक्टर्स की टीम और कई आरएएस अधिकारी जुड़े हुए हैं। डॉ माया टंडन को एसएमएस हॉस्पिटल की ओर से लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी मिल चुका है।
ध्रुवपदाचार्य पंडित लक्ष्मण भट्ट तैलंग का पूरा जीवन गायन के राग में निकल गया। साल 1928 पंडित गोकुल चन्द्र भट्ट के घर पंडित लक्ष्मण भट्ट का जन्म हुआ था। पंडित गोकुल चन्द्र भट्ट ध्रुवपद संकीर्तन हवेली संगीत के पुरोधा गायक रहे हैं। वहीं बीकानेर से ताल्लुक रखने वाले उस्ताद अली.गनी बीकानेर के तेजरासर गांव के रहने वाले दो भाइयों की जोड़ी है। उन्होंने सुगम संगीत के शोबे में गजल संगीत के साथ मांड गायकी को राष्ट्रीय.अंतरराष्ट्रीय सतह पर सम्मानजनक स्थान पर पहुंचाया है। इसके अलावा भीलवाड़ा के 83 साल के जानकी लाल बहरुपिया कला के जाने.माने कलाकार हैं। इन्हें बहरूपिया कला विरासत में मिली है। उनके दादा कालूलाल और पिता हजारी लाल इस कला का प्रदर्शन किया करते थे और इसी से पारिवार का पालन पोषण भी होता था।